बुध यंत्र
हिंदू शास्त्रों में बुध ग्रह को नवग्रहों के राजकुमार की उपाधि प्राप्त है। बुध राशि के जातक बहुत सुंदर होते है और वह ऊंचे कद तथा गोरे रंग के होते है। बुध को कई महत्वपूर्ण बातों का कारक ग्रह माना गया है जैसे वाणी, बुद्ध, त्वचा, मस्तिष्क आदि कारक है। बुध ग्रह की तरह ही बुध यंत्र भी प्रभावशाली होता है। भगवान बुध को हास्य, ललित कला और बुद्धि का स्वामी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गणित और ज्योतिष में निपुणता प्राप्त करने की क्षमता बुध ग्रह से प्रभावित होती है। वैदिक ज्योतिष में इस यंत्र को बहुत शुभ माना गया है।
बुध यंत्र के लाभ
बुध यंत्र को अपने घर में स्थापित करने से आपके जीवन में आ रही समस्त बाधाएं दूर हो जाती है।
इस यंत्र के माध्यम से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
यह यंत्र आपकी कुंडली में बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अत्यंत लाभकारी है।
इस यंत्र के द्वारा आपको तीव्र बुद्धि, कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं में भी यह यंत्र बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।
कैसे करें प्रयोग
ऐसा माना जाता है बुध यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है, जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। बुध यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है।
बुध यंत्र को स्थापित करने के लिए सबसे पहले प्रातकाल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर गुरु यंत्र को पूजन स्थल पर रखकर 11 या 21 बार गुरु के बीज मंत्र का “ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधये नम:” का जाप करें और बुधदेव से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करें।
बुध यंत्र का मंत्र – ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधये नम:
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