लाभेश का फल

लाभेश का फल


जब लाभेश लाभ-स्थान में हो तो व्यक्ति वक्ता, पंडित तथा कवि होता है।

यदि लाभेश द्वादश स्थान में हो तो व्यक्ति म्लेच्छों से संसर्ग करने वाला, कामी, विलंब से कार्य करने वाला, क्षणिकचित्त तथा लंपट होता है।

जब लाभेश लग्न में हो तो व्यक्ति धनवान, सात्त्विक स्वभाव वाला, समदृष्टि, वक्ता तथा अत्यंत कौतुकी होता है।

लाभेश जब धन अथवा पुत्र-स्थान में हो तो व्यक्ति अनेक प्रकार के सुखों से युक्त, पुत्रवान, धार्मिक तथा सब प्रकार की सिद्धियों से युक्त होता है।

जब लाभेश भ्रात-स्थान अथवा धन-स्थान में हो तो व्यक्ति तीर्थयात्रा में तत्पर, सब कार्यों में चतुर तथा शूलरोग से युक्त होता है।

लाभेश यदि छठे स्थान में हो तो व्यक्ति अनेक रोगों से युक्त, कभी-कभा सुख पाने वाला, प्रवासी तथा परसेवक होता है।

जिसका लाभेश सप्तम अथवा अष्टम स्थान में हो तो उसकी स्त्री नहीं जीती है। वह व्यक्ति उदार, गुणवान, कामी तथा मुर्ख होता है। जब लाभ अथवा दशम स्थान में हो तो व्यक्ति राजपूज्य, धनवान, चतुर, सत्यवादी तथा अपने धर्म में तत्पर होता है।

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