विजयराज यन्त्र
विधि – रवि पुष्य या शुभ मुहूर्त में पूर्व की ओर मुंह करके, सफेद वस्त्र पहन कर, सफेद आसन पर बैठकर अनार की कलम से, अष्टगन्ध स्याही से भोजपत्र पर लिखे अथवा चांदी या तांबे के पत्र पर खुदवाये रोज दशांग धूप से पूजन करे। लिखने का शुभारम्भ बड़े अक्षरों से यानी ८१-८०-७६-७८ इस तरह कम होते अक्षरों से १ तक लिखे। जिस खाने में जो अक्षर हों वे उसीमें लिखें। यह अत्यन्त शुभप्रद, भाग्योन्नायक तथा लक्ष्मीप्रद यंत्र है। इससे हर प्रकार के भय का नाश होता है। शत्रु से रक्षा होती है। कोर्ट कचहरी के काम के समय प्रतिदिन सुबह, दोपहर व शाम को एक यंत्र लिखे व गिरा दे तो मुकदमे में जीत हो। जब तक कोर्ट में सफल न हो तब तक रोज लिखे।
इस अभिमंत्रित यन्त्र को हमारे कार्यालय से सशुल्क प्राप्त करने के लिए whatsapp करे
Whatsapp Order